पक्षाघात (लकवा )

1. मांसपेशियाँ कार्य करने में पूर्णतः असमर्थ हों जाती है उस स्थिति को पक्षाघात लकवा या फालिज कहते हैं। लकवे होने पर प्रभावी क्षेत्र के भाग को उठाना, घुमाना, फिराना या चलना-फिरना लगभग असम्भव हो जाता है। लकवा अति भागदौड़, क्षमता से बहुत ज्यादा परिश्रम या बहुत अधिक व्यायाम, अति गरिष्ठ भोजन बहुत अधिक मात्रा में लेने से हो सकता है,

2. हमारे शरीर के सभी अंगो को कार्य करने के लिए रक्त की आवश्यकता पड़ती है लेकिन जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे खून का दौरान रुक जाता है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास खून एकत्र हो जाता है ऐसी अवस्था में शरीर के किसी भी हिस्से में लकवा हो सकता है अथवा किसी हिस्सों में रक्तवाहिका में खून का थक्का बनने के कारण खून की पूर्ति बंद हो जाय तो उस अंग में लकवा हो जाता है ।
Related image
यदि तुरंत इलाज मिल जाय और रक्तवाहिका में रुधिर का प्रवाह पुन: शुरू हो जाय अर्थात खून का थक्का ठीक हो जाय तो रोगी की स्थिति में शीघ्र सुधार हो सकता है, वह जल्दी ही बिलकुल ठीक भी हो सकता है, लेकिन यदि रुधिर का प्रवाह शुरू ना हो सके तो स्थायी पक्षाघात हो जाता है। इससे उबरंने में बहुत वक्त लगता है या स्थिति ला इलाज भी बन जाती है ।

3. जवानी की बहुत सी गलतियाँ जैसे बहुत ज्यादा भोग-विलास करना, मादक द्रव्यों का सेवन करना, मासपेशियों की किसी चोट में लापरवाही करना या बहुत आलस करना आदि कई कारणों से शरीर का स्नायविक प्रक्रिया कमजोर पड़ती जाती है इसीलिए उम्र बढ़ने के साथ साथ इस रोग की आशंका भी अधिक हो जाती है।

हम आपको यहाँ पर कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ और उपाय बता रहे है जिसको अपनाकर लकवे में निश्चित रूप से बहुत ही ज्यादा आराम मिल सकता है ।

लकवे के रोगी को किसी भी प्रकार की नशीली चीजों से कतई परहेज करना चाहिए। उन्हें भोजन में तेल, घी, मांस, मछली आदि का उपयोग भी नहीं करना चाहिए ।

जैसे ही लकवे का अटैक पड़े तुरंत उसी समय तिल का तेल 50 से 100 ग्राम की मात्रा में थोड़ा-सा गर्म करके पी जायें व साथ में लहसुन भी चबा चबा कर खायें। अटैक आते ही लकवे से प्रभावित अंग एवं सिर पर सेंक भी करना शुरू कर दें व आठ दिन बाद मालिश करें। लकवे में ज्यादा से ज्यादा उपवास करना चाहिए । उपवास में पानी में शहद मिलाकर लेते रहे ।

लकवे के रोगी को प्रतिदिन दूध में भिगोकर छुहारा खाने से लकवे के रोग में बहुत लाभ प्राप्त होता है। लेकिन एक बार में 4 से अधिक छुहारे नहीं खाने चाहिए।

शरीर के जिस अंग पर लकवा हो , उस पर खजूर का गूदा मलने से भी लकवा रोग में बहुत आराम मिलता है ।

लकवे के रोगियों को करेला ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए। लकवे की समस्या में करेला जबरदस्त फायदा पहुंचाता है। लकवे के मरीज को कच्चा करेला भी खाना चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

गव्हांकुराच्या रसाचे फायदे (Wheat Grass)

आजार व त्यावरील उपाय

वडाच्या झाडाचे औषधी महत्व..!