सोरायसिस(Psoriasis)

सोरायसिस क्रॉनिक यानी बार बार होनेवाला आॅटोइम्यून डिजीज हैं। इसके कारण त्वचा पर लाल और सफेद रंग के धब्बे हो जाते है। वैसे तो यह रोग 2-3 प्रतिशत के लोगों में ही पाया जाता है लेकिन फिर भी इस रोग में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस समस्या का इलाज न करवाने पर यह बार-बार होती रहती है। इसके बारे में पूरी जानकारी होने पर आप इसका सही इलाज करवा सकते है। 
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1. प्लेक सोरायसिस
8-10 प्रतिशत लोगों में होने वाली इस समस्या के कारण शरीर पर सिल्वर और सफेद रंग की लाइन बन जाती है। कोहनी, घुटने, स्कैल्प और पीठ मे नीचे होने वाला इस सोरायसिस से लाल धब्बे और जलन होने लगती है।

2. गटेट या चित्तीदार सोरायसिस
युवाओं में पाया जाने वाला ये सोरायसिस शरीर पर छोटे गुलाबी चित्ती सी उभर कर आती है। यह समस्या ज्यादातर बाजू, कोहनी और स्कैल्प पर पाई जाती है। इसमें तनाव, त्वचा में चोट जैसे निशान और दवाइयों का रिएक्शन होने लगता है। ज्यादातर मामलों में यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है।

3. इन्‍वर्स सोरायसिस
इस टाइप के सोरायसिस बाइट रेड, स्मूथ, शाइनी और बिना लाइन के होते है। यह समस्या आर्मपिट्स, ग्रोइन और स्तन के नीचे होती है। यह परेशानी पसीने और रगड़ने के कारण होती है।

4. पस्‍चुलर सोरायसिस
बड़ी उम्र के लोगों में पाई जाने वाली समस्या संक्रमित होती है। हाथों-पैरों में होनी वाली इस परेशानी के कारण बुखार, उल्टी और खुजली होने लगती है।

5. एरि‍थ्रोडर्मिक सोरायसिस
इस प्रकार के गंभीर सोरायसिस से खुजली, हार्ट रेट बढ़ जाना और शरीर का तापमान कम या ज्यादा होने जैसी समस्याएं हो जाती है। इस संक्रमित सोरायसिस का इलाज न करवाने पर निमोनिया भी हो सकता है।

6. नेल सोरायसिस
हाथों-पैरों के नाखूनों पर होने वाली यह समस्या अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों में होती है। इसके कारण नाखून मे दर्द, नाखूनों के रंग में बदलाव, नाखूनों के अंदर चॉक जैसा तत्व भर जाता है। ज्यादातर यह समस्या फंगल इंफेक्शन के कारण होती है।

सोरायसिस को एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया से चिह्नित किया गया है। शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक प्रणाली की गड़बड़ी को इसका कारण माना जाता है। हमारी त्वचा पुरानी कोशिकाओं को बदलने के लिए और नई कोशिकाओं का निर्माण करने में लगभग 28 दिनों का समय लेती है, लेकिन सोरायसिस से पीड़ित लोगों की त्वचा सिर्फ 4-5 दिनों में नई कोशिकाओं का उत्पादन करती है। इससे कोशिकाओं का जमना शुरू हो जाता है।

सोरायसिस (छाल रोग) के लक्षण
सोरायसिस एक बार बार होने वाली बीमारी है जो आपकी त्वचा को प्रभावित करती है। त्वचा पर बहुत खुजली होती है और कभी-कभी कंडीशन अधिक खराब होकर त्वचा पर सूजन हो सकती है। कई बार आप दर्द भी महसूस कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर छोटे परतदार धब्बे, शुष्क, फटी त्वचा जिसमें से खून निकल सकता है। इसमें कई बार आपकी त्वचा पर छाले बनने लगते हैं। निरंतर खुजली की ज़रूरत बहुत परेशान कर सकती है। सोरायसिस जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है और जोड़ों में सूजन का कारण बन सकता है।

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