अस्थमा (दमा) ..!

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अस्थमा के इलाज के घरेलू उपाय

श्वसन नलिका में किसी संक्रमण और रोग के कारण खांसी आना और सांस लेने में तकलीफ़ होना, अस्थमा रोग (दमा रोग) कहलाता है। आपने किसी न किसी को सांस लेने में मुश्किल होने पर इंहेलर पम्प का इस्तेमाल करते देखा होगा। यह किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। इस बीमारी में श्वसन नलिका में अंदर की तरह सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण सांस की नली काफ़ी संवेदनशील हो जाती है। जिससे फेफड़ों में हवा कम पहुंचती है। इस आलेख में अस्थमा के उपचार के बारे में जानेंगे।

दमा रोग एक प्रकार की एलर्जी है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ़ हो जाती है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति सांस लेने में दिक़्क़त महसूस करता है, अक्सर उसकी सांस फूल जाती है या फिर सांस लेने में परेशानी होती है। अस्थमा रोग दो तरह का होता है – स्पेसिफ़िक और नॉनस्पेसिफ़िक ।

1. स्पेसिफ़िक – इसमें किसी एलर्जी के कारण सांस फूलने लगती है।

2. नॉन स्पेसिफ़िक – इसमें भारी काम करने पर, मौसम में बदलाव या फिर आनुवांशिक कारणों से समस्या होती है।


अस्थमा रोग के कारण


– मिलावटी खान पान और ग़लत आदतें

– तनाव, क्रोध या डर

– ब्लड में संक्रमण

– पालतू जानवरों से एलर्जी

– मद्यपान या मादक पदार्थों का सेवन

– खांसी, जुकाम और नज़ला

– मिर्च मसालेदार चीज़ें खाना

– फेफड़े और आंतों की कमज़ोरी

– सांस की नली में धूल जाना या ठंड लगना

– मोटापा

– अनुवांशिकता; परिवार में पहले किसी को दमा रोग हो

– दवाइयों के प्रयोग से कफ़ सूख जाना

– प्रदूषण

– महिलाओं के हार्मोंस का बदलाव


अस्थमा रोग के लक्षण


– सांस लेने में अत्यधिक परेशानी

– बीमारी के चलते सूखी खांसी

– सख़्त और बदबूदार कफ़

– सांस लेते समय ज़ोर लगाने पर चेहरा लाल होना

– छाती में जकड़न महसूस होना

– ज़ोर ज़ोर सांस लेने के बाद थक जाना और पसीना आना


अस्थमा रोग में खान-पान


– हल्का और जल्दी पचने वाला भोजन खाएँ

– लौकी, तरोई, टिंडे, मेथी, अदरक और लहसुन को खाने में प्रयोग करें

– मोटे पिसे आटे की बनी रोटियाँ और दलियाँ खाएँ

– मुन्नका और खजूर खाएँ

– गुनगुना पानी पिएँ

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