हीमोग्लोबिन

हीमोग्लोबिन अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में बनने वाला रक्त कोशिका का लोहयुक्त एवं ऑक्सीजन वाहक वर्णक होता है जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है।यह प्रोटीन का एक अत्यधिक जटिल (Complex) रूप है, इसमे 96% भाग ग्लोबिन तथा 4% भाग हिम होता है।

Image result for hemoglobinहीमोग्लोबिन के कार्य 

इसका मुख्य कार्य ऑक्सीजन को फेफड़ो से ऊतकों तथा ऊतकों से कार्बन डाइऑक्सइड को फेफड़ो में पहुँचाना है। इस क्रिया में हीमोग्लोबिन का हिम भाग फेफड़ो की ऑक्सीजन से संयोजित होता है जिससे ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनता है, जो अस्थायी योगिक है।
ऑक्सी हैमोग्लोबिन के ऊतकों में पहुचने पर जहा पर ऑक्सीजन का तनाव कम होता है और कार्बन डाइऑक्सीसाइड का बढ़ा होता है, इससे ओक्सिजन मुक्त हो जाती है तथा कार्बन डाइओक्साइड संयोजित हो जाती है जो परिसंचारित रक्त के साथ फेफड़ो में पहुँच कर हीमोग्लोबिन से अलग हो जाती है और निःश्वसन में फेफड़ो से बाहर निकल जाती है। हीमोग्लोबिन के द्धारा ऑक्सीजन प्रकार के लेंन-देन का क्रम जीवित अवस्था में निरंतर चलता रहता है।
हीमोग्लोबिन से जुड़ी समस्याएं

हीमोग्लोबिन से जुड़ी समस्याओं में असामान्य हीमोग्लोबिन, गुर्दों का काम न करना, खून की कमी, पोषण की कमी, रक्त मज्जा समस्याएं, ट्यूमर, आदि शामिल हैं.
हीमोग्लोबिन से जुड़े रोग
खून की कमी - एनीमिया क्या है ?
खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाने को एनीमियाअर्थात रक्ताल्पता का रोग कहा जाता है। आयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है क्योंकि हीमोग्लोबिन ही फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है।
बीमारियों का कारण 

एनीमिया (Anemia) कोई बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई बीमारियों की वजह जरूर बन सकता है। जीवनशैली के साथ आहार संबंधी आदतों में होने वाला बदलाव इस समस्या के मुख्य कारण के रूप में सामने आ रहा है। बढ़ते बच्चों, स्तनपान कराने वाली महिलाओं व बीमार व्यक्तियों में एनीमिया का खतरा ज्यादा होता है। विश्व की लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं, और हमारे देश की लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं।
हीमोग्लोबिन का स्तर
स्वस्थ पुरूष के शरीर में 13-16 व महिला में 12-14 मिलिग्राम प्रति डेसिलीटर हीमोग्लोबिन होना चाहिए।
हीमोग्लोबिन का सामान्य मान
  • पुरुष : 14 से 17 ग्राम/100 मिली. रक्त 
  • स्त्री : 13 से 15 ग्राम/100 मिली. रक्त 
  • शिशु : 14 से 20 ग्राम/100 मिली. रक्त 
हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए टिप्स

  • दिन में एक सेब अवश्य खाएं, एक सेब खाकर सामान्य हीमोग्लोबिन स्तर को बनाए रख सकते हैं। 
  • लीची स्वास्थ्यवर्ध्क गुणों की खान है। रक्त कोशिकाओं के निर्माण और पाचन-प्रक्रिया में सहायक लीची में बीटा कैरोटीन, राइबोफ्लेबिन, नियासिन और फोलेट जैसे विटामिन बी काफी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है।
  • हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए चुकंदर सबसे अच्छा खाद्य प्रदार्थ है। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, फाइबर, और पोटेशियम सही मात्रा में होता है। ये शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है।
  • अनार में आयरनऔर कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होते हैं जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद मिलती है। 
  • हीमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए गुड़ एक बेहद उत्तम तरीका है। गुड़ में आयरन फोलेट और कई विटामिन बी शामिल हैं जो लाल रक्त कोशिका के उत्पादन को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं।
  • नियमित व्यायाम करें। जब हम व्यायाम करते हैं तब हमारा शरीर खुद-ब-खुद हीमोग्लोबिन पैदा करता है
  • कॉफ़ी, चाय, कोला, वाइन, बियर, ओवर-द-काउंटर एंटाएसिड, कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे डेयरी उत्पाद या कैल्शियम सप्लीमेंट्स शरीर में आयरन सोखने की क्षमता को कम करते हैं। अतः यदि आपका हीमोग्लोबिन स्तर कम है तो आप इन खाद्य प्रदार्थों के सेवन से बचें।
  • हीमोग्लोबिन का कम स्तर, विटामिन सी की कमी के कारण भी हो सकता है क्योंकि विटामिन सी की कमी के कारण शरीर सही मात्रा में आयरन को सोख नहीं पाता है। इसलिए विटामिन सी से युक्त खाद्य प्रदार्थ लेकर हीमोग्लोबिन का स्तर सही कर सकते हैं।
हीमोग्लोबिन के लिए नुस्खे 

  • भोजन में पोषक तत्त्वों की कमी के कारण हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से घटता है। इसे बढ़ाने के लिए जरूर है कि दैनिक अहार में आयरन तथा प्रोटीन युक्त खाने का इस्तेमाल करें।
  • नियमित रूप से खाने में अंडा, दाल, जूस आदि के सेवन से खून की कमी की स्थिति से बाहर आ सकते हैं।
  • शराब और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों से दूरी भी हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होता है।
  • प्रतिदिन सुबह के समय की स्वच्छ हवा में किया गया व्यायाम भी हमें स्वस्थ रखने में सहायता करता है।

Comments

Popular posts from this blog

गव्हांकुराच्या रसाचे फायदे (Wheat Grass)

आजार व त्यावरील उपाय

वडाच्या झाडाचे औषधी महत्व..!